आर्यावर्त: विद्यार्थी जी के 85 वाॅ वलिदान ...
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1 day ago - साहसी, वुध्दिमान, योग्यता के साथ साथ मानवता के धनी गणेष षंकर विद्यार्थी जी ने अपने मित्र पंडित सुन्दर लाल के सम्पर्क में आने के बाद उन्हे पत्रकारिता से मोह हो गया और उन्होने क्राॅतिकारी महर्षि अरविन्द घोष के कर्मयोगिन से प्रभावित ...आर्यावर्त: आलेख : “बौद्धिक आतंकियो को ...
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8 hours ago - इस स्वरूप को स्वामी विवेकानन्द और महर्षि अरविन्द जैसे मनीषियो ने दर्शन,चिंतन और मनन भी किया है. मार्क्स मुल्लो और मैकाले के गर्भ से निकला नेहरूवियन संस्कार से दीक्षित और शिक्षित गिरोहों के सर्टिफिकेट की ज़रूरत ना हमे है और ना थी की ...महर्षि अरविन्द का शिक्षा दर्शन - विकिपीडिया
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श्री अरविन्द ने भारतीय शिक्षा चिन्तन में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। उन्होंने सर्वप्रथम घोषणा की कि मानव सांसारिक जीवन में भी दैवी शक्ति प्राप्त कर सकता है। वे मानते थे कि मानव भौतिक जीवन व्यतीत करते हुए तथा अन्य मानवों की सेवा करते ...Savitri - श्री अरविन्द की सावित्री-गायत्री ...
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Dec 31, 2015 - Sri Aurobindo's Savitri श्री अरविन्द की सावित्री-गायत्री: कुछ संदर्भ (55/05) | परस्य ज्योतिः.Maharshi Arvind - Page 14
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Meena Manishika - 2009 - Preview
अपने (पजल तबले के अधर यर अरविन्द के भरि अत्भयोगों है अमुक छोषित करा दिया । ... होते हुए भी जं-गाल के गवर्नर और भारत के गवर्नर जनरल-दोनों ही यह 'समझते थे किअरविन्द संपूर्ण भारत मेंUttar Yogi Shri Aurobindo
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जिर यह लिब केसे होगा; के अरविन्द ने १९५० में ही भारत यर होने वले चीनी आक्रमण पकी भविष्यवाणी कर दी थी । उन्होंने ' आइडियल आप. हामन चुप' के 'योस्टस्तिन्या' में श्यष्ट लिखा था"महान योगी श्री अरविन्द (Hindi Sahitya): Mahan Yogi Sri ...
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परंतुतब तक गुप्तचरों ने सरकार को िरपोर्ट दे दी िक कुछ युवकों के साथ िमलकर अरिवन्द 'पद्म और तलवार' नामक संस्था बनाकर भारत में स्वतंत्रता के िलए संकल्पबद्ध हुए हैं। ऐसे युवक के प्रित ...भारत विभाजन की अन्तःकथा - Page 190
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विवेकानन्द (3863-30 और अरविन्द ने इस हिन्दू राष्ट्रवाद को चरम पर पहुंचाया । कुछ वर्ष पदम होन्तिवारी गतिविधियों से तो रहने के बद अरविन्द का 'पेठ-कोरि.', मता अरविन्द के रूप में, अदभुत ...Aaj Ka Bharat - Page 63
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Nana Palkhiwala - 2000 - Preview
श्री अरविन्द ने भारत के बोरे में यह सपना देखा बा, 'भारतमाता पूव का एक भूखा' माल नहीं है, यह एक शक्ति है, एक देवर है ।" जितना वैधव्य है उनके सपने के भारत में और अनाज के उस भारत में, ...Bhārat kā itihās: ek navīn dr̥shṭikoṇ - Page 255
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2008 - Preview
श्री अरविन्द के राजनैतिक विचारों और क्रियाकलाप, के तीन यक्ष थे। पुहुप-हु], वह कार्य था जिसकेMaharshi Aravinda - Page 113
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Sudarśana Bhāṭiyā - 2005 - Snippet view
"कृष्ण ने भारत की स्वतन्त्रता का दायित्व अपने पर ले लिया है ।'' जब श्री अरविन्द ने फरवरी, 1910 को राजनीति छोडी थी तो उन्होंने यह बात बजी । वर्ष, 1893 को श्री अरविन्द भारत आए । भारतYogi Arvind - Page 7
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इस वष्टि से सत 1898 को स्मरण क्रिया जा सकता है । इसी समय स्वामी विवेकानन्द शिकागो और गं९त्चीजी दक्षिण आधि जा रहे थे और श्री अरविन्द और निवेदिता भारत आ रहे थे । ये सब युवा थे ।Pramukh Bhartiya Shiksha Darshanik (in Hindi) - Page 87
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Ramnath Sharma - 2004 - Preview
श्री अरविन्द और उनके दोनों भाई इस संस्था में अभिजित हो गयेबेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पर आतंकी हमला
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7 hours ago - इसके बाद देखेंगे कि किसकी मां ने सवा सेर सौंठ खा कर औलादें पैदा की हैं ? सबसे पहले इनसे निबटेंगे और फिर वृहत्तर भारत की शुद्धि करेंगे। इसकी भविष्यवाणी महर्षि अरविन्द पूज्य स्वतंत्र वीर सावरकर, रमण महर्षि जैसे अनेकों महापुरुषों ने की हैं।देश का वास्तविक गद्दार कौन? गांधी-नेहरू या ...
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28 mins ago - गांधीजी आजीवन अहिंसा की बात करते रहे। कांग्रेस ने भी इसे अपनाने की घोषणाएं की और स्वतंत्रता के पश्चात यह भी प्रचारित किया कि देश को आजादी केवल गांधीजी की अहिंसा के कारण ही मिली है। इस पर 1961 ई. में वीर सावरकर जी ने एक लेख लिखा-'क्या ...
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